Non Agriculture Land - The process of land conversion is called Change of land use (CLU).
Non Agriculture Land एक जमीन जो पहले खेती के लिए था जिसे रूपांतरण की परिक्रिया द्वारा आवासिक या औद्योगिक उपयोग के रूपांतरित किया जाता हैं ।
वैसे तो कई तरह की भूमी यानी जमीन होती हैं जैसे बंजर भूमी, वन, चारागाहतथा पशुचारण, कृषि योग्य, बसोवासतथा गैर कृषि होती हैं लेकिन इस आर्टिकल में केवल गैर कृषि यानी Non Agriculture Land की जमीन के विषय में जानने का प्रयास करेंगें ।

Non Agriculture Land – जमीन रूपांतरण की परिक्रिया को Change of land use (CLU) कहा जाता हैं जो आम तौर पर दो कारणो से किया जाता हैं ।
- कृषि योग्य जमीन को रूपांतरण की परिक्रिया के द्वारा Residential /Commercial Project के लिए तैयार किया जाता हैं ।
- कृषि योग्य जमीन को रूपांतरण की परिक्रिया के द्वारा Industrial Project के लिए तैयार किया जाता हैं ।
जमीन रूपांतरण की परिक्रिया के द्वारा Industrial use से Residential use अथवा Residential use से Industrial useके लिए भी रूपांतरण करना Change of land use (CLU) कहा जाता हैं ।
Non Agriculture Land – भारत देश के सभी राज्यों में जमीन के उपयोग को रूपांतरण करने की परिक्रिया लगभग एक समान ही हैं, फिर जहाँ भी आप इस रूपांतरण परिक्रिया करना चाहते हैं वहाँ सम्बंधित कार्यालय से सम्पर्क करें, जिससे जमीन सम्बंधित कागजात को एकत्र करने में आसानी होगी ।
Non Agriculture Land कै लिये सम्बंधित कार्यालय से मेरा मतलब हैं Collector office, SDO office तथा तहसीलदार के कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं ।

Non Agriculture land के आवेदन के लिए मालिकी के कागजात होना आवश्यक होता हैं, मालिकी के कागजात को अलग-अलग राज्यों मे अलग-अलग नाम से जाना जाता हैं जैसे बंगाल, बिहारतथा झारखंड में खाता – खतियान इसी तरह उत्तर प्रदेश में खाता – खतौनी, गुजरात और महाराष्ट्रा में VF6, 7/12 तथा 8A, हरीयाना और पंजाब में जमाबंदी-फर्द ऐसे और नामों से जाना जाता हैं जो जमीन के मलिकाना हक को दर्शाता हैं जिसके सत्यापित प्रतिलिपि (Verified Copy) को आवेदन के साथ लगाना होता हैं ।
Non Agriculture Land के आवेदन के लिए प्रस्तावित जमीन का भू नक्शा सत्यापित प्रतिलिपि (Verified Copy) को आवेदन के साथ लगाना होता हैं ।
Non Agriculture Land के आवेदन के लिए प्रस्तावित जमीन के क्षेत्रफकल का माप DCLR (Deputy Collector Land Reforms) or DLR (District Inspector of Land Record) के द्वारा किया हुआ होना चाहीए जिसकी सत्यापित प्रतिलिपि (Verified Copy) को आवेदन के साथ लगाना होता हैं ।
Non Agriculture Land के आवेदन के लिए प्रस्तावित जमीन को जिस उपयोग में लेना चाहते हैं उस योजना का ले-आउट प्लान, साइड प्लान तथा बिल्डिंग प्लान जो इंजीनियर या आर्किटेक द्वारा बनाया हुआ होना चाहीए और इसे भी आवेदन के साथ लगाना आवश्यक होता हैं ।
Non Agriculture Land – यदि प्रस्तावित जमीन किसी सरकारी योजना के आस-पास हैं तो (जैसे नेशनल हाइवे, रेलवे, नहर, डैम तथा अन्य ऐसी योजनाएं ) उन विभागों से मंजूरी लेना रहेगा और आवेदन के साथ जिसकी सत्यापित प्रतिलिपि (Verified Copy) को लगाना रहेगा ।
Non Agriculture Land – प्रस्तावित जमीन के उपर यदि किसी बैंक अथवा ऋण देने वाली संस्था अथवा कोई सरकारी कर (Tax) बकाया हो वैसे संस्थानों अथवा विभागों से (NOC) लेना रहेगा और आवेदन के साथ जिसकी सत्यापित प्रतिलिपि (Verified Copy) को लगाना रहेगा ।
Non Agriculture Land के आवेदन का जनरल फॉर्मेट हैं जो आम तौर पर सभी राज्यों में एक जैसा होता हैं लेकिन आप को जहाँ भी Non Agriculture के लिए आवेदन करना चाहते हों वहाँ हाल के नियमों को जान लेना बेहतर होगा ।
Non Agriculture Land – यदि प्रस्तावित जमीन के Non Agriculture के आवेदन के बाद जांच की परिक्रिया को प्रारम्भ किया जाएगा, जांच की परिक्रिया जे बाद यदि सभी कुछ सही रहा तो Non Agriculture की मंजूरी पत्र (NA order) मिल जाएगा अन्यथा अस्वीकृति पत्र कारणो के साथ दिया जाएगा ।
Non Agriculture Land – यदि प्रस्तावित जमीन के Non Agriculture के आवेदन के बाद जांच की परिक्रिया को प्रारम्भ किया जाएगा, जांच की परिक्रिया जे बाद यदि सभी कुछ सही रहा तो Non Agriculture की मंजूरी पत्र (NA order) मिल जाएगा अन्यथा अस्वीकृति पत्र कारणो के साथ दिया जाएगा ।
Non Agriculture Land के लिए मैंने ज्यादा से ज्यादा समझाने का प्रयास किया हैं फिर भी कहीं किसी प्रकार की कठीनाई हों रहीं हों तो आप मुझे कमेन्ट कर पुछ सकते हैं और यदि आर्टिकल लाभदायक हैं तो आप से निवेदन हैं कि कमेंट कर मुझे प्रोत्साहित करें ताकी मैं आप लोंगों के लिए ऐसी जानकारी को पहुचाता रहुँ ।
आप सभी लोगों से एक निवेदन हैं, जो आने वाली पींढी के लिये अमुल्य होगा । वृक्षारोपण खुद करें औंरों को प्रोत्साहित करें ।