Valuation Report क्या है ? और इस रिपोर्ट को किसके पास से लेना होताहैं ? 1. The valuation report is beneficial for all property buyers.

The valuation report is beneficial for all property buyers.

Valuation Report को Technical Report भी कहा जाता हैं । आइए जानते हैं कि Valuation Report क्या हैं और इस रिपोर्ट को कहाँ उपयोग में लिया जाता हैं । सबसे पहले मैं आप को बताना चाहुंगा इस रिपोर्ट का उपयोग लोन लेने के लिए किया जाता हैं जब आप किसी बैंक या वित्तीय संस्थान में होम लोन, मोर्गेज लोनया फिर ऐसा लोन जिसमें आप की सम्पत्ति को गिरवी करना होता हों वैसे लोन के लिए Valuation Report लेना जरुरी होता हैं जो बैंक द्वारा नियुक्त किए गए वेलुअर से प्रस्तावित सम्पत्ति का Valuation Report लेना होता हैं ।

Valuation Report के लिए अलग-अलग बैंकों अलग-अलग दिशानिर्देश होते हैं जिसके अनुसार बैंकों के द्वारा नियुक्त किए गए वेलुअर को पता होता हैं कि किस बैंक के लिये कैसा रिपोर्ट बनाना हैं ।

How to get Valuation Report

Valuation Report के लिए ज्यादातर बैंकों को प्रस्तावित सम्पत्ति के दस्तावेज तथा ग्राम पंचायत या नगर निगम द्वारा मंजूर किया गया नक्सा तथा मंजूरी पत्र चाहीए होता हैं जिससे यह पता चल पाये कि प्रस्तावित सम्पत्ति का निर्माण विवादित तो नहीं रहा था जिसके कारण लोन देने के बाद बैंक या ऋण देने वाली संस्था को भविष्य में समस्याओं का सामना नहीं करना पडें ।

Valuation Report से यह पता लगता हैं कि प्रस्तावित सम्पत्ति को हाल में कितने में बेंचा तथा खरीदा जा सकता हैं साथ ही साथ यह भी पता चलता है प्रस्तावित सम्पत्ति की हाल में क्या परिस्थिति हैं तथा प्रस्तावित सम्पत्ति कितने वर्षो तक ऐसी परिस्थिती में रह सकता हैं ।

Valuation Report किसी भी सम्पत्ति का तभी सही माना जायेगा जब उस रिपोर्ट में लिखा रहेगा कि प्रस्तावित सम्पत्ति आज के तारिख में क्लियर टायटल, बेहतरीन निर्माण कार्य तथा प्रस्तावित सम्पत्ति को सरलता से बेचा जा सकता हैं ।

Valuation Report को सकारात्मक लेने के लिये प्रस्तावित सम्पत्ति से सम्बंधित सारे दस्तावेज होने चाहीए ।

Valuation Report में हमेशा तीन तरह के मुल्यों को दर्शाया जाता हैं

  1. गिरी हुई हालात में बजार किमत (Distress Value) – बजार घोर मंदी के दौर से गुजर रहा हो, वैसी परिस्थिति में मिलने वाल किमत को संकट मूल्य कहा जाता हैं ।
  2. बजार किमत (Market Value) – बजार ठीक – ठाक परिस्थिति से चल रहा हो वैसी परिस्थिति में मिलने वाल मूल्य को बजार किमत कहा जाता हैं ।
  3. सही किमत (realisable value) –  दोनो ही परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जो किमत को दर्शाया जाता हैं उसे सही किमत कहा जाता हैं ।

खेती (Agriculture) लायक जमीन के Valuation Report के लिए उपर दिए गए दस्तावेजों के अनुसार मिल सकता हैं लेकिन खेती सिवाय या बिनखेती (Non Agriculture) के लिये NA (Non Agriculture) हुआ होना आवश्यक हैं तथा प्रस्तावित सम्पत्ति के उपर निर्माण कार्य किया गया हैं या निर्मित हैं तो ऐसी परिस्थिति में ग्राम पंचायत या नगर निगम द्वारा प्लान मंजूर हुआ होना चाहीए । लेकिन प्रस्तावित सम्पत्ति पुस्तैनी जो रहने की जगह हो या रिहाइशी ऐसी परिस्थितिओं में NA (Non Agriculture) की कोई आवश्यकता नहीं होती हैं वशर्तें ग्राम पंचायत या नगर निगम से एक प्रमाण पत्र लेना पडेगा कि प्रस्तावित सम्पत्ति पुस्तैनी जो निबास की जगह या रिहाइशी हैं लेकिन ग्राम पंचायत या नगर निगम द्वारा प्लान मंजूर हुआ होना चाहीए ।

Valuation Report के लिए ग्राम पंचायत या नगर निगम के द्वारा जारी किया हुआ आंकलन पत्र तथा कर रसीद प्रस्तावित सम्पत्ति धारक के नाम का होना आवश्यक होता हैं इसे भी प्रमाणिक दस्तावेज के रूप में माना जाता हैं ।

Valuation Report के लिये बैंकों या वित्तीय संस्थाओं द्वारा शुल्क (Fees) तथा अन्य खर्च तय किया गया होता हैं तथा बैंकों या वित्तीय संस्थाओं द्वारा समय के अनुसार शुल्क को बढाया जाता हैं जो Valuation Report के लिए दस्तावेजो को देने पहले जरुर जान लें ।

Valuation Report के लिए निचें दिए गए दस्तावेजों को देना होता हैं :-

  • प्रस्तावित सम्पत्ति को खरीदने वाले के नाम से सेल एग्रीमेंट (विक्रय करार)
  • प्रस्तावित सम्पत्ति के धारक के नाम का सेल डीड (विक्रय लेख)
  • नगर निगम अथवा ग्राम पंचायत के कर की रसीद जो प्रस्तावित सम्पत्ति के धारक के नाम से होने चाहीए
  • नगर निगम अथवा ग्राम पंचायत के द्वारा किया गया मुल्यांकन पत्र जो सम्पत्ति धारक के नाम से होने चाहीए।
  • प्रस्तावित सम्पत्ति के लेन – देन के सारे दस्तावेजों की प्रतिलिपी
  • यदि प्रस्तावित सम्पत्ति को एग्रिकलचर (कृषि) से नोन एग्रिकलचर (गैर कृषि) किया गया हो तो एन.ए. ऑडर की प्रतिलिपी तथा एन.ए. प्लान जरुर रखे।
  • यदि प्रस्तावित सम्पत्ति अपार्टमेंट में फ्लेट है तो अपार्टमेंट को मिली मंजूरी प्लान तथा मंजूरी पत्र जरुर रखे।

Valuation Report के लिए मैंने ज्यादा से ज्यादा समझाने का प्रयास किया हैं फिर भी कहीं किसी प्रकार की कठीनाई हों रहीं हों तो आप मुझे कमेन्ट कर पुछ सकते हैं और यदि आर्टिकल लाभदायक हैं तो आप से निवेदन हैं कि कमेंट कर मुझे प्रोत्साहित करें ताकी मैं आप लोंगों के लिए ऐसी जानकारी को पहुचाता रहुँ ।

आप सभी लोगों से एक निवेदन हैं, जो आने वाली पींढी के लिये अमुल्य होगा ।  वृक्षारोपण खुद करें औंरों को प्रोत्साहित करें ।

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